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CBSE  board का ऐतिहासिक फैसला पर हुआ नोटिस जारी

 CBSE  board का ऐतिहासिक फैसला पर हुआ नोटिस जारी। देश में सीबीएसई बोर्ड का कितना महत्व है यह हम सब बहुत अच्छी तरीके से जानते हैं लेकिन स्टूडेंट्स की भलाई को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई बोर्ड ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।

वो वह ऐतिहासिक फैसला है कि अब सीबीएसई में प्री प्राइमरी से 12वीं तक की पढ़ाई क्षेत्रीय भाषाओं में भी होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार सीबीएसई की पढ़ाई 22 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध होगी।

NCERT की किताबे सभी भाषा में मिलेंगी।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के अनुसार स्कूल में पढ़ाई जाने वाली NCERT की किताबें भारत में भाषाओं में प्रिंट करने का नोटिस जारी किया है। यह 22 अलग-अलग क्षेत्रीय भाषाओं में यह किताबें छापेंगे और उनको किस तरीके से लोगों तक पहुंचना है इसकी योजनाएं भी बनाई गईं है।

क्षेत्रीय भाषाओं को मिलेगा बढ़ावा…..

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का और सीबीएसई मेक बोर्ड का ऐसा कहना है कि क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा मिले इसलिए उन्होंने ये  ऐतिहासिक फैसला लिया है।

शिक्षा को वास्तविक बनाने के लिए सीबीएसई बोर्ड ने प्री प्राइमरी से 12वीं तक की कक्षाओं में इन क्षेत्रीय भाषाओं को वैकल्पिक माध्यम के रूप से अवगत कराया है। विद्यार्थियों को अब इंग्लिश के अलावा अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में पढ़ने का भी विकल्प प्राप्त होगा।

इस पहल से अब शिक्षा की नींव मजबूत होगी। इस नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कई कदम उठाए गए हैं। बोर्ड ने अपने स्कूल में स्कूलों को एक दूसरे के सहयोग करने के लिए कहा है। प्री प्राइमरी से छठवीं कक्षा तक क्षेत्रीय भाषाओं को विकल्प रूप से रखने का प्रस्ताव था लेकिन अब इसे इंप्लीमेंट करके 12वीं तक कर दिया गया है।

CBSE  board

कैसे करेंगे क्षेत्रीय भाषाओं का चयन…..?

सीबीएसई बोर्ड डायरेक्टर का कहना है कि वो वेबसाइट पर जाकर अपने स्कूल में प्राप्त शिक्षाओं की विकल्प देख सकते हैं या फिर अपने स्कूल के एक्सपर्ट से बात की कर सकते हैं। किस भाषा में पढ़ने की रुचि है उसी के अनुसार वह अपनी क्षेत्रीय भाषाओं का विकल्प चुन सकते हैं। सीबीएसएसई बोर्ड क्षेत्रीय भाषाओं का विकल्प होने से पूरे एजुकेशन सिस्टम मे  हड़कंप मच गया है । क्योंकि सीबीएसई में अब तक कोई भी वैकल्पिक भाषा का ऑप्शन नहीं था हां राज्य सरकारों में उनके राज्य की भाषा और इंग्लिश भाषा के ऑप्शन जरूर थे कुछ-कुछ राज्यों में सिर्फ हिंदी और इंग्लिश का भाषा का ही ऑप्शन था लेकिन आप सीबीएसई बोर्ड ने 22 भाषाओं का विकल्प दे दिया है। चरण में यह योजना के अनुसार सिर्फ स्कूलों में आठवीं तक विकल्प होगा । उसके बाद स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वो इसे  12 वी कक्षा तक इंप्लीमेंट करे।

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