इन दिनों मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। पटवारी परीक्षा के रिजल्ट आने के बाद सभी छात्र भड़के हुए हैं। ऐसा आरोप है कि परीक्षा में जो टॉप 10 लिस्ट आई है उसमें 7 टॉपर ने एक ही एग्जाम सेंटर में पटवारी का एग्जाम दिया था।
ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि वो कॉलेज जो एग्जाम सेंटर था वो बीजेपी के नेता का है। जो ग्वालियर में है। इसी वजह से 12 लाख युवा जिन्होंने ये परीक्षा दी थीं वो सभी धरने में बैठ गए हैं।
सूत्रों के द्वारा ये पता चला है जो 7 टॉपर है उन्होंने इस परीक्षा में 15 लाख रुपए दिए है। मध्य प्रदेश में आए दिन सरकारी नौकरी के परीक्षाओं में घोटाले सामने आते रहते हैं। इस मुद्दे को कांग्रेस ने जम कर बीजेपी में आरोप लगाए हैं। इस बात पर राजनीति हो रही है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच आरोप – प्रत्याआरोप का दौर शुरू हो गया है।
एमपी इसी साल चुनाव होने वाले हैं इसलिए दोनों दल अपनी छवि को चमकाने में लगे हैं लेकिन उन युवा के बारे में कोई नहीं सोच रहा है। जो कितनी मेहनत से सरकारी नौकरी पाने के लिए मेहनत करते हैं। न हि कोई जांच कमेटी का गठन हुआ है जो सही तरीके से जांच कर सके। क्योंकि जो आरोप लगे उन्हें नकार भी नहीं सकते।
पहला आरोप – जिन 7 स्टूडेंट ने टॉप किया है उन्हें 200 में से 180 से ज्यादा आए है जो पॉसिबल नहीं है। जबकि तीन स्टूडेंट उनके नंबर 200 में से 150 के पास आए है। बाकी स्टूडेंट का कहना है कि 200 में से 150 आना ही बहुत बड़ी बात है आज तक जब भी एग्जाम रिजल्ट आया है किसी भी टॉपर के 150 से ज्यादा नंबर नहीं गए है। ऐसे नंबर आना पॉसिबल नहीं है।
दूसरा आरोप – जो सात टॉपर है उन्होंने अपने साइन हिंदी में किए हैं जबकि उनको अंग्रेजी में अच्छे नंबर आए हैं। और जो सात स्टूडेंट टॉप किए उनके नाम किसी कोचिंग सेंटर में नहीं है। न हि वो ये बता रहे हैं उन्होंने कैसे पढ़ाई की।
तीसरा आरोप – ये सातों का एग्जाम सेंटर एक ही जगह होना क्योंकि उसमें से दो तीन छात्र को तो एग्जाम सेंटर उनके शहर में मिल सकता था।